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' बोधिसत्वचर्यावतार ' का समापन August 22, 2016

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लेह, लद्दाख, जम्मू एवं कश्मीर, भारत, २० और २१ अगस्त, २०१६ (समाचार रिपोर्टों से) - शांतिदेव के 'बोधिसत्वचर्यावतार' पर प्रवचन जारी रखते हुए परम पावन दलाई लामा ने आज सुझायाः


"हम परोपकारिता का जितना अधिक अभ्यास करते हैं और दूसरों की सहायता करते हैं, उतना अधिक हम अपने आपको लाभान्वित करेंगे। परिणाम से मिली शांति हमें दीर्घायु होने में सहायता करती है, मानवता की सेवा करने में सक्षम करती है।"

उन्होंने सिफारिश की, कि श्रद्धालु एक अच्छी प्रेरणा से लम्बी आयु के लिए प्रार्थना करें ताकि बुद्धधर्म के अभ्यास के लिए, बोधिचित्त को विकसित करने और बुद्धत्व प्राप्त करने के लिए अधिक से अधिक अवसर प्राप्त कर सकें। उन्होंने आगे कहाः

"बाल्यकाल से ही हम विनाशकारी भावनाओं के प्रभाव में होते हैं। हममें अतीत के कर्मों के कारण तथा आदतन नकारात्मक व्यवहार के कारण दूसरों को हानि पहुँचाने की, कीड़ों को मारने इत्यादि की एक प्रवृत्ति होती है।

"प्रारंभ से ही हम यथार्थ के विषय में अनभिज्ञ होने के आदी रहे हैं और एक आत्म-पोषक व्यवहार अपनाते हैं। अब बुद्ध की देशनाओं से परिचित होने के कारण हम अज्ञानता की निद्रा से जाग रहे हैं। अतः हमें बोधिचित्तोत्पाद का प्रयास करना चाहिए। तत्काल अल्पावधि में यह हमारे लिए चित्त की शांति और बेहतर स्वास्थ्य लाएगा, जबकि दीर्घ काल में यह सुनिश्चित करेगा कि हमारा एक उच्च पुनर्जन्म हो।"

जब परम पावन अपनी व्याख्या के अंत तक पहुँचे, गदेन ठि रिनपोछे और लद्दाख बौद्ध संघ के अध्यक्ष छेवंग ठिनले के नेतृत्व में हज़ारों भिक्षु और आम लोगों ने परम पावन की दीर्घायु और अच्छे स्वास्थ्य के लिए समारोहीय प्रार्थनाएँ की। सम्पूर्ण लद्दाख के लोगों की ओर से, छेवंग ठिनले ने परम पावन को आने के लिए और उन पर अपना आशीर्वाद बरसाने के लिए धन्यवाद व्यक्त किया। उन्होंने परम पावन से पुनः भविष्य में लद्दाख की यात्रा का अनुरोध किया।

अपने उत्तर में परम पावन ने कहा,

"महान श्रद्धा तथा भक्ति के साथ की गई ये प्रार्थनाएँ मुझे लम्बे समय तक जीने में सहायता करेंगी, जिसके कारण मुझे सभी सत्वों के कल्याण के लिए कार्य करने का अवसर मिलेगा।"

चार दिनों के सार्वजनिक प्रवचनों के अंतिम दिन, २१ अगस्त को परम पावन ने अवलोकितेश्वर अभिषेक प्रदान किया। प्रस्तावना में उन्होंने अपने श्रोताओं के बीच बौद्धों को एक शाकाहारी भोजन अपनाने और शराब के अपने प्रयोग में कटौती करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने सभी से अधिक करुणाशील और ईमानदार होने का और इसकी पहचान करने का आग्रह किया कि हम सभी भाई और बहने हैं और एक ही मानव परिवार से संबंध रखते हैं।

 

  • सभी सामग्री सर्वाधिकार © परम पावन दलाई लामा के कार्यालय

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