परम पावन 14 वें दलाई लामा
मेन्यू
खोज
सामाजिक
भाषा
  • दलाई लामा
  • कार्यक्रम
  • तस्वीरों में
  • वीडियो
हिंदी
परम पावन 14 वें दलाई लामा
  • ट्विटर
  • फ़ेसबुक
  • इंस्टाग्राम
  • यूट्यूब
सीधे वेब प्रसारण
  • होम
  • दलाई लामा
  • कार्यक्रम
  • समाचार
  • तस्वीरों में
  • वीडियो
  • अधिक
सन्देश
  • करुणा
  • विश्व शांति
  • पर्यावरण
  • धार्मिक सद्भाव
  • बौद्ध धर्म
  • सेवानिवृत्ति और पुनर्जन्
  • प्रतिलिपि एवं साक्षात्कार
प्रवचन
  • भारत में प्रवचनों में भाग लेने के लिए व्यावहारिक सलाह
  • चित्त शोधन
  • सत्य के शब्द
  • कालचक्र शिक्षण का परिचय
कार्यालय
  • सार्वजनिक दर्शन
  • निजी/व्यक्तिगत दर्शन
  • मीडिया साक्षात्कार
  • निमंत्रण
  • सम्पर्क
  • दलाई लामा न्यास
पुस्तकें
  • अवलोकितेश्वर ग्रंथमाला 7 - आनन्द की ओर
  • अवलोकितेश्वर ग्रंथ माला 6 - आचार्य शांतिदेव कृत बोधिचर्यावतार
  • आज़ाद शरणार्थी
  • जीवन जीने की कला
  • दैनिक जीवन में ध्यान - साधना का विकास
  • क्रोधोपचार
सभी पुस्तकें देखें
  • समाचार

परम पावन दलाई लामा द्वारा मानवता की एकता पर बल १२/मार्च/२०१६

शेयर

जिनेवा, स्विट्जरलैंड, ११ मार्च २०१६ - जब परम पावन दलाई लामा कल शाम जिनेवा पहुँचे तो उनके स्वागतार्थ तिब्बतियों की एक बड़ी संख्या होटल के सामने एकत्रित हुई थी।


आज प्रातः पत्रकारों के साथ एक बैठक के दौरान उन्होंने अपनी तीन प्रतिबद्धताओं को समझाया। उन्होंने सुझाया कि शिक्षा में सौहार्दता, सहिष्णुता और क्षमा के आंतरिक मूल्यों पर बल देना चाहिए। उन्होंने कहा कि यद्यपि धर्म सहस्रों वर्षों से सुख का एक स्रोत रहा है, पर दुःख इस बात का है कि आज यह घृणा का एक स्रोत बनता जा रहा है।

उन्होंने स्पष्ट किया कि २०११ में जब वे अपने राजनीतिक उत्तरदायित्व से सेवानिवृत्त हुए, तो उन्होंने ऐसा पूरी तरह स्वेच्छा और गर्व से किया था, पर माना कि अभी भी ९९ प्रतिशत तिब्बती लोग उनके प्रति आशा और विश्वास बनाए रखे हुए हैं। अतः उन सबके लिए चिंता रखने के अतिरिक्त वे तिब्बती संस्कृति के संरक्षण और तिब्बत के प्राकृतिक पर्यावरण के लिए काम करने में लगे हुए है। उन्होंने स्पष्ट किया कि चूँकि तिब्बती संस्कृति शांति, अहिंसा और करुणा की संस्कृति है, यह प्रत्येक के हित में है कि इसका संरक्षण हो।

मध्याह्न में, परम पावन दलाई लामा, सह नोबेल पुरस्कार विजेता तवाकुल अब्दुल सलाम करमन और लीला अलिकरमी, नोबेल पुरस्कार विजेताओं का प्रतिनिधित्व करतीं एक ईरानी वकील और नोबेल पुरस्कार विजेता शिरीन इबादी ने ग्रेजुयट इंस्टिट्यूट ऑफ जेनेवा में विषय 'नोबल लॉरियट्स ऑन ह्यूमन राइट्स - ए व्यू फ्रम सिविल सोसाइटी' पर विचार विमर्श में भाग लिया। यह कार्यक्रम संयुक्त राष्ट्र के स्थायी मिशन, संयुक्त राज्य अमेरिका तथा कनाडा द्वारा मानवाधिकार परिषद के ३१वें सत्र की परिधि में आयोजित किया गया। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार की उप उच्चायुक्त श्रीमती केट गिलमोर ने कार्यक्रम का संचालन किया।


परम पावन ने कार्यक्रम की मेजबानी के लिए संयुक्त राष्ट्र के लिए कनाडा और अमेरिका के स्थायी मिशनों के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने अपने दो पूर्व वक्ताओं के भावुक संबोधनों की भी चर्चा की।

"हम मानवता के भविष्य के विषय को लेकर बात कर रहे हैं," उन्होंने कहा। "चाहे हमारी आवाज़ कितनी ही छोटी क्यों न हो, पर यह आवश्यक है कि हम बोलें। कभी कभी लोग कहते हैं कि विश्व में सब कुछ ठीक है, पर वे गलत हैं। हमारे समक्ष कई समस्याएँ हैं। मेरे जीवनकाल में मैंने निरंतर संघर्ष और रक्तपात देखा है जिस दौरान लाखों लोगों की हत्या हुई है। हमें पूछने की आवश्यकता है कि हमने कहाँ गलती की, हममें किन गुणों का अभाव है और मानव अधिकारों का उल्लंघन क्यों होता है। इन प्रश्नों के उत्तर देने तथा शांति बनाने में प्रज्ञा व करुणा की आवश्यकता होगी।

"यद्यपि मैं एक बौद्ध भिक्षु हूँ, पर मुझे संदेह है कि मात्र प्रार्थना से विश्व शांति की प्राप्ति होगी। इसके स्थान पर हमें कार्रवाई करने में उत्साही तथा और आत्म विश्वासी होना होगा।"

उन्होंने कहा कि आज जो लोग विश्व में कठिनाइयाँ खड़ी कर रहे हैं और शांति भंग कर रहे हैं, वे भी आत्म विश्वास से भरे हैं परन्तु आधारभूत मानवीय मूल्यों से अपर्याप्त रूप से प्रभावित हैं। अतः भविष्य में यदि हमें एक और अधिक शांतिपूर्ण विश्व का निर्माण करना है तो अपनी सामान्य शिक्षा प्रणाली में हमें सौहार्दता और धर्मनिरपेक्ष नैतिकता को लाना होगा।


उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन तथा वैश्विक अर्थव्यवस्था के उतार-चढ़ाव की समस्याएँ हम सभी को प्रभावित कर रही हैं। वे राष्ट्रीय सीमाओं तक ही सीमित नहीं हैं। अपने बीच जाति, धर्म, राष्ट्रीयता और लिंग के गौण भेदों पर केंद्रित होकर वे 'हम' और 'उन' में लोगों को विभाजित करने को उकसाते हैं जो आसानी से संघर्ष का एक आधार बन जाता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यदि हम मानवता की एकता का स्मरण करें और एक दूसरे को भाई और बहनों के रूप में देंखें तो हम हिंसा की संभावना को दूर कर सकते हैं।

पैनल चर्चा के पश्चात, परम पावन गाड़ी से पेले दे नेशन्स गए जहाँ उन्होंने ३००० तिब्बतियों को संबोधित किया। उन्होंने उन्हें आश्वासन दिया कि उनका स्वास्थ्य अच्छा था और उनके सुस्वास्थ्य की प्रार्थना के लिए उन्हें धन्यवाद दिया।

कल तड़के ही वह जिनेवा से भारत लौटने के लिए रवाना होंगे।

  • फ़ेसबुक
  • ट्विटर
  • इंस्टाग्राम
  • यूट्यूब
  • सभी सामग्री सर्वाधिकार © परम पावन दलाई लामा के कार्यालय

शेयर

  • फ़ेसबुक
  • ट्विटर
  • ईमेल
कॉपी

भाषा चुनें

  • चीनी
  • भोट भाषा
  • अंग्रेज़ी
  • जापानी
  • Italiano
  • Deutsch
  • मंगोलियायी
  • रूसी
  • Français
  • Tiếng Việt
  • स्पेनिश

सामाजिक चैनल

  • फ़ेसबुक
  • ट्विटर
  • इंस्टाग्राम
  • यूट्यूब

भाषा चुनें

  • चीनी
  • भोट भाषा
  • अंग्रेज़ी
  • जापानी
  • Deutsch
  • Italiano
  • मंगोलियायी
  • रूसी
  • Français
  • Tiếng Việt
  • स्पेनिश

वेब साइय खोजें

लोकप्रिय खोज

  • कार्यक्रम
  • जीवनी
  • पुरस्कार
  • होमपेज
  • दलाई लामा
    • संक्षिप्त जीवनी
      • परमपावन के जीवन की चार प्रमुख प्रतिबद्धताएं
      • एक संक्षिप्त जीवनी
      • जन्म से निर्वासन तक
      • अवकाश ग्रहण
        • परम पावन दलाई लामा का तिब्बती राष्ट्रीय क्रांति दिवस की ५२ वीं वर्षगांठ पर वक्तव्य
        • चौदहवीं सभा के सदस्यों के लिए
        • सेवानिवृत्ति टिप्पणी
      • पुनर्जन्म
      • नियमित दिनचर्या
      • प्रश्न और उत्तर
    • घटनाएँ एवं पुरस्कार
      • घटनाओं का कालक्रम
      • पुरस्कार एवं सम्मान २००० – वर्तमान तक
        • पुरस्कार एवं सम्मान १९५७ – १९९९
      • गणमान्य व्यक्तियों से भेंट २०११ से वर्तमान तक
        • गणमान्य व्यक्तियों से भेंट २००० – २००४
        • गणमान्य व्यक्तियों से भेंट १९९० – १९९९
        • गणमान्य व्यक्तियों से भेंट १९५४ – १९८९
        • यात्राएँ २०१० से वर्तमान तक
        • यात्राएँ २००० – २००९
        • यात्राएँ १९९० – १९९९
        • यात्राएँ १९८० - १९८९
        • यात्राएँ १९५९ - १९७९
  • कार्यक्रम
  • समाचार
    • 2025 पुरालेख
      • May
      • April
      • March
      • February
      • January
    • 2024 पुरालेख
      • December
      • November
      • October
      • September
      • August
      • July
      • June
      • May
      • April
      • March
      • February
      • January
    • 2023 पुरालेख
      • December
      • November
      • October
      • September
      • August
      • July
      • June
      • May
      • April
      • March
      • February
      • January
    • 2022 पुरालेख
      • December
      • November
      • October
      • September
      • August
      • July
      • June
      • May
      • April
      • March
      • February
      • January
    • 2021 पुरालेख
      • December
      • November
      • October
      • September
      • August
      • July
      • June
      • May
      • April
      • March
      • February
      • January
    • 2020 पुरालेख
      • December
      • November
      • October
      • September
      • August
      • July
      • June
      • May
      • April
      • March
      • February
      • January
    • 2019 पुरालेख
      • December
      • November
      • October
      • September
      • August
      • July
      • June
      • May
      • April
      • March
      • February
      • January
    • 2018 पुरालेख
      • December
      • November
      • October
      • September
      • August
      • July
      • June
      • May
      • April
      • March
      • February
      • January
    • 2017 पुरालेख
      • December
      • November
      • October
      • September
      • August
      • July
      • June
      • May
      • April
      • March
      • February
      • January
    • 2016 पुरालेख
      • December
      • November
      • October
      • September
      • August
      • July
      • June
      • May
      • April
      • March
      • February
      • January
    • 2015 पुरालेख
      • December
      • November
      • October
      • September
      • August
      • July
      • June
      • May
      • April
      • March
      • February
      • January
    • 2014 पुरालेख
      • December
      • November
      • October
      • September
      • August
      • July
      • June
      • May
      • April
      • March
      • February
      • January
    • 2013 पुरालेख
      • December
      • November
      • October
      • September
      • August
      • July
      • June
      • May
      • April
      • March
      • February
      • January
    • 2012 पुरालेख
      • December
      • November
      • October
      • September
      • August
      • July
      • June
      • May
      • April
      • March
      • February
      • January
    • 2011 पुरालेख
      • December
      • November
      • October
      • September
      • August
      • July
      • June
      • May
      • April
      • March
      • February
      • January
    • 2010 पुरालेख
      • December
      • November
      • October
      • September
      • August
      • July
      • June
      • May
      • April
      • March
      • February
      • January
    • 2009 पुरालेख
      • December
      • November
      • October
      • September
      • August
      • July
      • June
      • May
      • April
      • March
      • February
      • January
    • 2008 पुरालेख
      • December
      • November
      • October
      • September
      • August
      • July
      • June
      • May
      • April
      • March
      • February
      • January
    • 2007 पुरालेख
      • December
      • November
      • October
      • September
      • August
      • July
      • June
      • May
      • April
      • March
      • February
      • January
    • 2006 पुरालेख
      • December
      • November
      • October
      • September
      • August
      • July
      • June
      • May
      • April
      • March
      • February
      • January
    • 2005 पुरालेख
      • December
      • November
      • October
      • September
      • August
      • July
      • June
      • May
      • April
      • March
      • February
      • January
  • तस्वीरों में
  • वीडियो
  • सन्देश
  • प्रवचन
    • भारत में प्रवचनों में भाग लेने के लिए व्यावहारिक सलाह
    • चित्त शोधन
      • चित्त शोधन पद १
      • चित्त शोधन पद २
      • चित्त शोधन पद ३
      • चित्त शोधन पद : ४
      • चित्त् शोधन पद ५ और ६
      • चित्त शोधन पद : ७
      • चित्त शोधन: पद ८
      • प्रबुद्धता के लिए चित्तोत्पाद
    • सत्य के शब्द
    • कालचक्र शिक्षण का परिचय
  • कार्यालय
    • सार्वजनिक दर्शन
    • निजी/व्यक्तिगत दर्शन
    • मीडिया साक्षात्कार
    • निमंत्रण
    • सम्पर्क
    • दलाई लामा न्यास
  • किताबें
  • सीधे वेब प्रसारण