परम पावन 14 वें दलाई लामा
मेन्यू
खोज
सामाजिक
भाषा
  • दलाई लामा
  • कार्यक्रम
  • तस्वीरों में
  • वीडियो
हिंदी
परम पावन 14 वें दलाई लामा
  • ट्विटर
  • फ़ेसबुक
  • इंस्टाग्राम
  • यूट्यूब
सीधे वेब प्रसारण
  • होम
  • दलाई लामा
  • कार्यक्रम
  • समाचार
  • तस्वीरों में
  • वीडियो
  • अधिक
सन्देश
  • करुणा
  • विश्व शांति
  • पर्यावरण
  • धार्मिक सद्भाव
  • बौद्ध धर्म
  • सेवानिवृत्ति और पुनर्जन्
  • प्रतिलिपि एवं साक्षात्कार
प्रवचन
  • भारत में प्रवचनों में भाग लेने के लिए व्यावहारिक सलाह
  • चित्त शोधन
  • सत्य के शब्द
  • कालचक्र शिक्षण का परिचय
कार्यालय
  • सार्वजनिक दर्शन
  • निजी/व्यक्तिगत दर्शन
  • मीडिया साक्षात्कार
  • निमंत्रण
  • सम्पर्क
  • दलाई लामा न्यास
पुस्तकें
  • अवलोकितेश्वर ग्रंथमाला 7 - आनन्द की ओर
  • अवलोकितेश्वर ग्रंथ माला 6 - आचार्य शांतिदेव कृत बोधिचर्यावतार
  • आज़ाद शरणार्थी
  • जीवन जीने की कला
  • दैनिक जीवन में ध्यान - साधना का विकास
  • क्रोधोपचार
सभी पुस्तकें देखें
  • समाचार

कालचक्र अभिषेक का तीसरा व अंतिम दिन १३/जनवरी/२०१७

शेयर

बोधगया, बिहार, भारत - जब से परम पावन दलाई लामा का दो सप्ताह से अधिक पहले बोधगया में आगमन हुआ था तब के बाद आज आकाश में धुंध छट गई है और सूर्य बाहर निकला है पर फिर भी हवा में ठंड है। जैसा उन्होंने कल किया था, परम पावन शीघ्र ही कालचक्र मंदिर आ गए ताकि वे अभिषेक के प्राथमिक अनुष्ठानों को कर सकें, जिसमें उन्हें चार घंटे लग गए।

मध्याह्न में शीघ्र भोजन करने के उपरांत वे मंच पर आए और जैसा उन्होंने पूर्व में किया है किनारे खड़े होकर श्रोताओं का अभिनन्दन करने से संतुष्ट न होकर वह दोनों तरफ के ढलान क्षेत्र से चलकर आए और मुस्कुराते हुए हाथ उठाकर अभिनन्दन किया। जनमानस की ओर से प्रत्युत्तर में  हर्षोल्लास और करतल ध्वनि गूंजी।

एक बार जब परम पावन सिंहासन पर बैठ गए तो रूट संस्थान द्वारा चलाए जा रहे मैत्रेय स्कूल के बच्चों ने तीसरी बार संस्कृत में 'हृदय सूत्र' का पाठ किया। उनके बाद भिक्षु, भिक्षुणियों और साधारण लोगों के एक समूह ने पुनः इसका पाठ स्पेनिश में किया। परम पावन ने टिप्पणी की, कि इस तरह की सभा में स्पेनिश में पहली सस्वर पाठ किया गया था। जनसमुदाय में तीन थाई भिक्षुओं को देखकर, उन्होंने उन्हें बुलाया। उन्होंने परम पावन को एक छोटे कांच के स्तूप में अवशेष प्रस्तुत किए।

'अभिसमयालंकार' और 'मूलमध्यमकारिका' से वन्दन के छंदों के अतिरिक्त 'भावनाक्रम' से वंदना का छंद और 'मूलमध्यमकारिका' में से कृतज्ञता अभिव्यक्ति के अंतिम श्लोक का पाठ हुआ।

मैं उस गौतम को नमस्कार करता हूँ
जिसने अनुकम्पा के कारण
सद्धर्म का उपदेश दिया
जो सभी दृष्टियों का प्रहाण करता है ।

"सभी धार्मिक परम्पराओं की शिक्षाएँ सुख को जन्म देती हैं," परम पावन ने टिप्पणी की, "चूँकि सभी प्रेम व करुणा और दूसरों का अहित न करने की शिक्षा देते हैं। उनमें धैर्य और क्षमा की व्याख्या आम है। दूसरों की उपेक्षा कर मात्र स्वयं के लिए सोचने में कोई सुख नहीं है। क्या ऐसे लोगों के समक्ष जो भूख से मर रहे हैं, एक शानदार भोजन की थाली से आप असहज भावना का अनुभव नहीं करते?

"जब हम अन्य सत्वों को हानि पहुँचाते हैं, धोखा देते हैं और उनसे झूठ बोलते हैं, तो हम क्लेशों से संचालित हुए होते हैं। इस तरह स्वार्थ से प्रेरित होकर कार्य करना हमारे अपने विनाश का कारण है। अपनी गद्दी पर आराम से बैठकर यह कहना सरल है कि, 'सभी सत्व दुःख से मुक्त हों, पर आप उसी समय अंतर ला पाएँगे जब आप वास्तव में उनके लिए कुछ करें। आप सभी कालचक्र अभिषेक के लिए बोधगया आए, परन्तु जो आपको घर लेकर जाने की आवश्यकता है, वह है सौहार्दता युक्त हृदय।

"बोधिचित्त दूसरों को लाभ पहुँचाने हेतु स्वयं को प्रेरित करने का एक बुद्धिमान उपाय है। यह समझाने के लिए मैंने 'बोधिसत्वचर्यावतार' की शिक्षा दी और आप ने जो समझा है मैं उस के बारे में सोचता हूँ। यह आपको चित्त की शांति देगा, आपकी व्याकुलता को कम करेगा और आपको इस जीवन और आगामी जीवन में सुख देगा।"

परम पावन ने उल्लेख किया कि तिब्बत का बौद्ध धर्म बुद्ध की देशनाओं की पूर्ण प्रस्तुति है जिसमें तंत्र का अभ्यास शामिल है। उन्होंने कहा कि यदि हम बुद्ध ने धर्म चक्र के तीन प्रवर्तनों में जो शिक्षा दी है उसका पालन करें तो हम सर्वज्ञता के हेतुओं को इकट्ठा करेंगे और ज्ञेयावरण पर काबू पाएँगे। तंत्र के पहलुओं में से एक है कि चित्त की प्रभास्वरता के प्रति जागरूकता बनाए रखते हुए प्रज्ञा के साथ निपटा जाए। परम पावन ने टिप्पणी की कि इस रूप में कालचक्र विशेष रूप से व्यापक और सूक्ष्म है।

"आज उच्च और बहुत उच्चतर अभिषेक देने के लिए मैं ७वें दलाई लामा कलसंग ज्ञाछो द्वारा रचित ग्रंथ का अनुपालन करूँगा, "परम पावन ने घोषणा की।" मैंने आत्म-सर्जन, चित्त मंडल का अग्रिम सर्जन साथ ही देवों को समर्पण करने का कार्य कर लिया है।"

परम पावन द्वारा अभिषेक प्रदान करने का प्रारंभ करते ही तिब्बती लोगों की सहायक सभा के एक दल ने मंडल समर्पण किया। जब वे वज्राचार्य के अभिषेक पर पहुँचे तो उन्होंने समझाया कि यह उन लोगों को योग्यता देने के लिए दिया जाएगा, जो धर्म के संरक्षण हेतु कार्य करेंगे, जिनमें स्पष्टतया उनके चारों ओर विराजमान विभिन्न तिब्बती बौद्ध परम्पराओं के प्रमुख शामिल थे। परन्तु, उन्होंने कहा कि कहीं और जनसमुदाय के बीच ऐसे लोग हो सकते हैं जो इस प्रकार का उत्तरदायित्व लें अतः वे प्रत्येक को यह अभिषेक प्रदान करेंगे।

जब वह समापन पर पहुँचे, तो उन्होंने श्रोताओं को स्मरण कराया, जो उन्होंने मध्याह्न के प्रारंभ में कहा था कि अभिषेक देने का उद्देश्य उन्हें एक सौहार्दपूर्ण हृदय के रूप में कुछ लेकर घर लौटने के लिए कुछ देना था।

धार्मिक व सांस्कृतिक मामलों के मंत्री श्रद्धेय कर्मा गेलेग युथोक ने अंतिम धन्यवाद समर्पण किया। दो दर्जन द्विभाषिए मंच के नेपथ्य में अपने अनुवाद कक्ष से परम पावन को स्कार्फ समर्पण करने और उनकी सराहना प्राप्त करने के लिए शीघ्र बाहर आए।

कल प्रातः, पारम्परिक दीर्घायु समर्पण अभिषेक के बजाय, परम पावन अवलोकितेश्वर का अभिषेक प्रदान करेंगे जिसके उपरांत उनके लिए दीर्घायु समारोह का समर्पण होगा। अन्त में, कालचक्र अभिषेक के समापन कार्यक्रम में बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार सम्मिलित होंगे।

  • फ़ेसबुक
  • ट्विटर
  • इंस्टाग्राम
  • यूट्यूब
  • सभी सामग्री सर्वाधिकार © परम पावन दलाई लामा के कार्यालय

शेयर

  • फ़ेसबुक
  • ट्विटर
  • ईमेल
कॉपी

भाषा चुनें

  • चीनी
  • भोट भाषा
  • अंग्रेज़ी
  • जापानी
  • Italiano
  • Deutsch
  • मंगोलियायी
  • रूसी
  • Français
  • Tiếng Việt
  • स्पेनिश

सामाजिक चैनल

  • फ़ेसबुक
  • ट्विटर
  • इंस्टाग्राम
  • यूट्यूब

भाषा चुनें

  • चीनी
  • भोट भाषा
  • अंग्रेज़ी
  • जापानी
  • Deutsch
  • Italiano
  • मंगोलियायी
  • रूसी
  • Français
  • Tiếng Việt
  • स्पेनिश

वेब साइय खोजें

लोकप्रिय खोज

  • कार्यक्रम
  • जीवनी
  • पुरस्कार
  • होमपेज
  • दलाई लामा
    • संक्षिप्त जीवनी
      • परमपावन के जीवन की चार प्रमुख प्रतिबद्धताएं
      • एक संक्षिप्त जीवनी
      • जन्म से निर्वासन तक
      • अवकाश ग्रहण
        • परम पावन दलाई लामा का तिब्बती राष्ट्रीय क्रांति दिवस की ५२ वीं वर्षगांठ पर वक्तव्य
        • चौदहवीं सभा के सदस्यों के लिए
        • सेवानिवृत्ति टिप्पणी
      • पुनर्जन्म
      • नियमित दिनचर्या
      • प्रश्न और उत्तर
    • घटनाएँ एवं पुरस्कार
      • घटनाओं का कालक्रम
      • पुरस्कार एवं सम्मान २००० – वर्तमान तक
        • पुरस्कार एवं सम्मान १९५७ – १९९९
      • गणमान्य व्यक्तियों से भेंट २०११ से वर्तमान तक
        • गणमान्य व्यक्तियों से भेंट २००० – २००४
        • गणमान्य व्यक्तियों से भेंट १९९० – १९९९
        • गणमान्य व्यक्तियों से भेंट १९५४ – १९८९
        • यात्राएँ २०१० से वर्तमान तक
        • यात्राएँ २००० – २००९
        • यात्राएँ १९९० – १९९९
        • यात्राएँ १९८० - १९८९
        • यात्राएँ १९५९ - १९७९
  • कार्यक्रम
  • समाचार
    • 2025 पुरालेख
      • June
      • May
      • April
      • March
      • February
      • January
    • 2024 पुरालेख
      • December
      • November
      • October
      • September
      • August
      • July
      • June
      • May
      • April
      • March
      • February
      • January
    • 2023 पुरालेख
      • December
      • November
      • October
      • September
      • August
      • July
      • June
      • May
      • April
      • March
      • February
      • January
    • 2022 पुरालेख
      • December
      • November
      • October
      • September
      • August
      • July
      • June
      • May
      • April
      • March
      • February
      • January
    • 2021 पुरालेख
      • December
      • November
      • October
      • September
      • August
      • July
      • June
      • May
      • April
      • March
      • February
      • January
    • 2020 पुरालेख
      • December
      • November
      • October
      • September
      • August
      • July
      • June
      • May
      • April
      • March
      • February
      • January
    • 2019 पुरालेख
      • December
      • November
      • October
      • September
      • August
      • July
      • June
      • May
      • April
      • March
      • February
      • January
    • 2018 पुरालेख
      • December
      • November
      • October
      • September
      • August
      • July
      • June
      • May
      • April
      • March
      • February
      • January
    • 2017 पुरालेख
      • December
      • November
      • October
      • September
      • August
      • July
      • June
      • May
      • April
      • March
      • February
      • January
    • 2016 पुरालेख
      • December
      • November
      • October
      • September
      • August
      • July
      • June
      • May
      • April
      • March
      • February
      • January
    • 2015 पुरालेख
      • December
      • November
      • October
      • September
      • August
      • July
      • June
      • May
      • April
      • March
      • February
      • January
    • 2014 पुरालेख
      • December
      • November
      • October
      • September
      • August
      • July
      • June
      • May
      • April
      • March
      • February
      • January
    • 2013 पुरालेख
      • December
      • November
      • October
      • September
      • August
      • July
      • June
      • May
      • April
      • March
      • February
      • January
    • 2012 पुरालेख
      • December
      • November
      • October
      • September
      • August
      • July
      • June
      • May
      • April
      • March
      • February
      • January
    • 2011 पुरालेख
      • December
      • November
      • October
      • September
      • August
      • July
      • June
      • May
      • April
      • March
      • February
      • January
    • 2010 पुरालेख
      • December
      • November
      • October
      • September
      • August
      • July
      • June
      • May
      • April
      • March
      • February
      • January
    • 2009 पुरालेख
      • December
      • November
      • October
      • September
      • August
      • July
      • June
      • May
      • April
      • March
      • February
      • January
    • 2008 पुरालेख
      • December
      • November
      • October
      • September
      • August
      • July
      • June
      • May
      • April
      • March
      • February
      • January
    • 2007 पुरालेख
      • December
      • November
      • October
      • September
      • August
      • July
      • June
      • May
      • April
      • March
      • February
      • January
    • 2006 पुरालेख
      • December
      • November
      • October
      • September
      • August
      • July
      • June
      • May
      • April
      • March
      • February
      • January
    • 2005 पुरालेख
      • December
      • November
      • October
      • September
      • August
      • July
      • June
      • May
      • April
      • March
      • February
      • January
  • तस्वीरों में
  • वीडियो
  • सन्देश
  • प्रवचन
    • भारत में प्रवचनों में भाग लेने के लिए व्यावहारिक सलाह
    • चित्त शोधन
      • चित्त शोधन पद १
      • चित्त शोधन पद २
      • चित्त शोधन पद ३
      • चित्त शोधन पद : ४
      • चित्त् शोधन पद ५ और ६
      • चित्त शोधन पद : ७
      • चित्त शोधन: पद ८
      • प्रबुद्धता के लिए चित्तोत्पाद
    • सत्य के शब्द
    • कालचक्र शिक्षण का परिचय
  • कार्यालय
    • सार्वजनिक दर्शन
    • निजी/व्यक्तिगत दर्शन
    • मीडिया साक्षात्कार
    • निमंत्रण
    • सम्पर्क
    • दलाई लामा न्यास
  • किताबें
  • सीधे वेब प्रसारण