परम पावन 14 वें दलाई लामा
मेन्यू
खोज
सामाजिक
भाषा
  • दलाई लामा
  • कार्यक्रम
  • तस्वीरों में
  • वीडियो
हिंदी
परम पावन 14 वें दलाई लामा
  • ट्विटर
  • फ़ेसबुक
  • इंस्टाग्राम
  • यूट्यूब
सीधे वेब प्रसारण
  • होम
  • दलाई लामा
  • कार्यक्रम
  • समाचार
  • तस्वीरों में
  • वीडियो
  • अधिक
सन्देश
  • करुणा
  • विश्व शांति
  • पर्यावरण
  • धार्मिक सद्भाव
  • बौद्ध धर्म
  • सेवानिवृत्ति और पुनर्जन्
  • प्रतिलिपि एवं साक्षात्कार
प्रवचन
  • भारत में प्रवचनों में भाग लेने के लिए व्यावहारिक सलाह
  • चित्त शोधन
  • सत्य के शब्द
  • कालचक्र शिक्षण का परिचय
कार्यालय
  • सार्वजनिक दर्शन
  • निजी/व्यक्तिगत दर्शन
  • मीडिया साक्षात्कार
  • निमंत्रण
  • सम्पर्क
  • दलाई लामा न्यास
पुस्तकें
  • अवलोकितेश्वर ग्रंथमाला 7 - आनन्द की ओर
  • अवलोकितेश्वर ग्रंथ माला 6 - आचार्य शांतिदेव कृत बोधिचर्यावतार
  • आज़ाद शरणार्थी
  • जीवन जीने की कला
  • दैनिक जीवन में ध्यान - साधना का विकास
  • क्रोधोपचार
सभी पुस्तकें देखें
  • समाचार

वियतनामी समूहों के साथ वार्तालाप का दूसरा दिन २२/मई/२०१८

शेयर

थेगछेन छोलिंग, धर्मशाला, हि. प्र., भारत, परम पावन दलाई लामा ने वियतनामी व्यापार के नेताओं, कलाकारों, बुद्धिजीवियों और युवा प्रतिनिधियों के सदस्यों से आज दूसरी बार भेंट की। सर्वप्रथम उन्होंने श्वेत मंजुश्री अनुज्ञा हेतु प्रारंभिक अनुष्ठान किया, जबकि श्रोता बुद्ध शाक्यमुनि के मंत्र का पाठ कर रहे थे।

परम पावन दलाई लामा अपने निवास पर वियतनाम के समूहों के साथ उनकी बैठक के दूसरे दिन के प्रारंभ में श्वेत मंजुश्री अनुज्ञा प्रदान करने हेतु प्रारंभिक अनुष्ठान करते हुए, धर्मशाला, हि. प्र., भारत, मई २२, २०१८ चित्र/तेनज़िन छोजोर

परम पावन ने समझाया, "आज जीवित ७ अरब मनुष्यों को तीन समूहों में वर्गीकृत किया जा सकता है," एक जो आंतरिक मूल्यों पर अधिक ध्यान नहीं देता, दूसरा जो धर्म को नकारात्मक मानता है और एक अन्य जो आध्यात्मिक अभ्यास का सम्मान करता है। सब को सुखी होने का एक समान अधिकार है, परन्तु ऐसा प्रतीत होता है कि कठिनाइयों या हताश परिस्थितियों का सामना करते समय जिन लोगों में धार्मिक आस्था होती है, वे इतनी सरलता से हताश नहीं होते।

"जैन धर्म, सांख्य और बौद्ध धर्म की एक शाखा एक सृजनकर्ता में विश्वास नहीं रखती। बौद्ध धर्म के अतिरिक्त अन्य सभी धार्मिक परम्पराएँ एक स्वतंत्र, स्थायी आत्म या अात्मा की धारणा को स्वीकार करती हैं। प्रतीत्य समुत्पाद का अर्थ है कि स्वतंत्र आत्मा का यह विचार असमर्थनीय है।

परम पावन दलाई लामा द्वारा अपने निवास पर वियतनाम के समूहों के साथ उनकी बैठक के दूसरे दिन श्वेत मंजुश्री अनुज्ञा प्रदान करते समय एक सहायक धूप द्वारा आनुष्ठानिक शुद्धीकरण करते हुए, धर्मशाला, हि. प्र., भारत, मई २२, २०१८ चित्र/तेनज़िन छोजोर

"बुद्ध ने शिक्षा दी कि वस्तुएँ जिस रूप में प्रतीत होती हैं उस रूप में अस्तित्व नहीं रखतीं। बाद में, बौद्ध धर्म के भीतर ही चार प्रमुख विचारधाराओं का विकास हुआ जिनमें से हर चार आर्य सत्य, सत्य द्वय और नैरात्म्य की धारणा को स्पष्ट करती है, पर उन सब में मध्यम मार्ग (मध्यमक) प्रस्तुति है जो सबसे अधिक वैज्ञानिक है।"

परम पावन ने समझाया कि क्लेशों की उत्पत्ति वस्तुओं की परम प्रकृति की भ्रांत समझ के आधार पर उत्पन्न होती हैं तथा शून्यता की समझ से उनका आमूल विनाश संभव है।
 
परम पावन ने टिप्पणी की, "यह स्पष्ट रूप से समझने के लिए कि किस तरह शून्यता को समझने वाली प्रज्ञा से क्लेशों का प्रतिकार संभव है, जिस रूप में वह भारतीय शास्त्रीय बौद्ध ग्रंथों में समझाया गया है मनोविज्ञान का अध्ययन करना महत्वपूर्ण है।"

परम पावन दलाई लामा के अपने निवास पर वियतनाम के समूहों के साथ उनकी बैठक के दूसरे दिन श्वेत मंजुश्री अनुज्ञा प्रदान करते हुए, धर्मशाला, हि. प्र., भारत, मई २२, २०१८ चित्र/तेनज़िन छोजोर

यह स्पष्ट करते हुए कि शून्यता की अनुभूति का संबंध निर्वाण से है परम पावन ने नागार्जुन की ''प्रज्ञानाममूलमध्यमकारिका' को उद्धृत किया:

कर्म और क्लेशों के क्षय में मोक्ष है;
कर्म और क्लेश विकल्प से आते हैं,
विकल्प मानसिक प्रपञ्च से आते हैं,
शून्यता में प्रपञ्च का अंत होता है।

परम पावन ने आर्यदेव के चतुःशतक का भी उद्धरण दिया:

जिस तरह स्पर्श भावना शरीर में व्याप्त है उन सभी में भ्रम मौजूद है।
भ्रम पर काबू पाकर आप भी सभी क्लेशों पर काबू पाएँगे।

जब प्रतीत्य समुत्पाद दृष्टिगत होता है भ्रम नहीं होगा इस प्रकार इस विषय को सटीक रूप से समझाने के लिए यहाँ हर प्रयास किया गया है।

परम पावन ने यह भी समझाया कि निर्वाण तथा प्रबुद्धता की प्राप्ति के लिए शून्यता की समझ आवश्यक है। उन्होंने आगे इंगित किया कि दुःख का वास्तविक स्रोत अति स्वकेंद्रित दृष्टिकोण और एक स्वतंत्र आत्मा की गलत धारणा को बनाए रखना है। उन्होंने समझाया कि किस तरह दूसरों के प्रति सोच की भावना क्रोध का प्रतिकार करने में संभव है।

परम पावन दलाई लामा अपने निवास पर वियतनाम के व्यापारिक नेताओं, कलाकारों, बुद्धिजीवियों और युवा प्रतिनिधियों के सदस्यों और वियतनाम के समूहों के साथ सीधा टेलिकॉनफेरेन्स लिंक से हुई बैठक के समापन पर ली गई कई सामूहिक तस्वीरों में से एक के लिए पोज़ करते हुए, धर्मशाला, हि. प्र., भारत, मई २२, २०१८ चित्र/तेनज़िन छोजोर

बुद्ध की शिक्षाओं के सिंहावलोकन को पूरा करने के उपरांत परम पावन ने श्वेत मंजुश्री की अनुज्ञा दी, जिसके बारे में उन्होंने सूचित किया जब वे तिब्बत में युवा ही थे, यह उन्हें तगडग रिनपोछे से प्राप्त हुई थी। अंत में, उन्होंने वियतनामियों से अपनी भाषा में हृदय सूत्र का पाठ करने के लिए कहा। जैसे ही सत्र का समापन हुआ, उन्होंने समूह को आश्वासित किया कि वे आगामी वर्ष उनसे भेंट करेंगे।

  • फ़ेसबुक
  • ट्विटर
  • इंस्टाग्राम
  • यूट्यूब
  • सभी सामग्री सर्वाधिकार © परम पावन दलाई लामा के कार्यालय

शेयर

  • फ़ेसबुक
  • ट्विटर
  • ईमेल
कॉपी

भाषा चुनें

  • चीनी
  • भोट भाषा
  • अंग्रेज़ी
  • जापानी
  • Italiano
  • Deutsch
  • मंगोलियायी
  • रूसी
  • Français
  • Tiếng Việt
  • स्पेनिश

सामाजिक चैनल

  • फ़ेसबुक
  • ट्विटर
  • इंस्टाग्राम
  • यूट्यूब

भाषा चुनें

  • चीनी
  • भोट भाषा
  • अंग्रेज़ी
  • जापानी
  • Deutsch
  • Italiano
  • मंगोलियायी
  • रूसी
  • Français
  • Tiếng Việt
  • स्पेनिश

वेब साइय खोजें

लोकप्रिय खोज

  • कार्यक्रम
  • जीवनी
  • पुरस्कार
  • होमपेज
  • दलाई लामा
    • संक्षिप्त जीवनी
      • परमपावन के जीवन की चार प्रमुख प्रतिबद्धताएं
      • एक संक्षिप्त जीवनी
      • जन्म से निर्वासन तक
      • अवकाश ग्रहण
        • परम पावन दलाई लामा का तिब्बती राष्ट्रीय क्रांति दिवस की ५२ वीं वर्षगांठ पर वक्तव्य
        • चौदहवीं सभा के सदस्यों के लिए
        • सेवानिवृत्ति टिप्पणी
      • पुनर्जन्म
      • नियमित दिनचर्या
      • प्रश्न और उत्तर
    • घटनाएँ एवं पुरस्कार
      • घटनाओं का कालक्रम
      • पुरस्कार एवं सम्मान २००० – वर्तमान तक
        • पुरस्कार एवं सम्मान १९५७ – १९९९
      • गणमान्य व्यक्तियों से भेंट २०११ से वर्तमान तक
        • गणमान्य व्यक्तियों से भेंट २००० – २००४
        • गणमान्य व्यक्तियों से भेंट १९९० – १९९९
        • गणमान्य व्यक्तियों से भेंट १९५४ – १९८९
        • यात्राएँ २०१० से वर्तमान तक
        • यात्राएँ २००० – २००९
        • यात्राएँ १९९० – १९९९
        • यात्राएँ १९८० - १९८९
        • यात्राएँ १९५९ - १९७९
  • कार्यक्रम
  • समाचार
    • 2025 पुरालेख
      • June
      • May
      • April
      • March
      • February
      • January
    • 2024 पुरालेख
      • December
      • November
      • October
      • September
      • August
      • July
      • June
      • May
      • April
      • March
      • February
      • January
    • 2023 पुरालेख
      • December
      • November
      • October
      • September
      • August
      • July
      • June
      • May
      • April
      • March
      • February
      • January
    • 2022 पुरालेख
      • December
      • November
      • October
      • September
      • August
      • July
      • June
      • May
      • April
      • March
      • February
      • January
    • 2021 पुरालेख
      • December
      • November
      • October
      • September
      • August
      • July
      • June
      • May
      • April
      • March
      • February
      • January
    • 2020 पुरालेख
      • December
      • November
      • October
      • September
      • August
      • July
      • June
      • May
      • April
      • March
      • February
      • January
    • 2019 पुरालेख
      • December
      • November
      • October
      • September
      • August
      • July
      • June
      • May
      • April
      • March
      • February
      • January
    • 2018 पुरालेख
      • December
      • November
      • October
      • September
      • August
      • July
      • June
      • May
      • April
      • March
      • February
      • January
    • 2017 पुरालेख
      • December
      • November
      • October
      • September
      • August
      • July
      • June
      • May
      • April
      • March
      • February
      • January
    • 2016 पुरालेख
      • December
      • November
      • October
      • September
      • August
      • July
      • June
      • May
      • April
      • March
      • February
      • January
    • 2015 पुरालेख
      • December
      • November
      • October
      • September
      • August
      • July
      • June
      • May
      • April
      • March
      • February
      • January
    • 2014 पुरालेख
      • December
      • November
      • October
      • September
      • August
      • July
      • June
      • May
      • April
      • March
      • February
      • January
    • 2013 पुरालेख
      • December
      • November
      • October
      • September
      • August
      • July
      • June
      • May
      • April
      • March
      • February
      • January
    • 2012 पुरालेख
      • December
      • November
      • October
      • September
      • August
      • July
      • June
      • May
      • April
      • March
      • February
      • January
    • 2011 पुरालेख
      • December
      • November
      • October
      • September
      • August
      • July
      • June
      • May
      • April
      • March
      • February
      • January
    • 2010 पुरालेख
      • December
      • November
      • October
      • September
      • August
      • July
      • June
      • May
      • April
      • March
      • February
      • January
    • 2009 पुरालेख
      • December
      • November
      • October
      • September
      • August
      • July
      • June
      • May
      • April
      • March
      • February
      • January
    • 2008 पुरालेख
      • December
      • November
      • October
      • September
      • August
      • July
      • June
      • May
      • April
      • March
      • February
      • January
    • 2007 पुरालेख
      • December
      • November
      • October
      • September
      • August
      • July
      • June
      • May
      • April
      • March
      • February
      • January
    • 2006 पुरालेख
      • December
      • November
      • October
      • September
      • August
      • July
      • June
      • May
      • April
      • March
      • February
      • January
    • 2005 पुरालेख
      • December
      • November
      • October
      • September
      • August
      • July
      • June
      • May
      • April
      • March
      • February
      • January
  • तस्वीरों में
  • वीडियो
  • सन्देश
  • प्रवचन
    • भारत में प्रवचनों में भाग लेने के लिए व्यावहारिक सलाह
    • चित्त शोधन
      • चित्त शोधन पद १
      • चित्त शोधन पद २
      • चित्त शोधन पद ३
      • चित्त शोधन पद : ४
      • चित्त् शोधन पद ५ और ६
      • चित्त शोधन पद : ७
      • चित्त शोधन: पद ८
      • प्रबुद्धता के लिए चित्तोत्पाद
    • सत्य के शब्द
    • कालचक्र शिक्षण का परिचय
  • कार्यालय
    • सार्वजनिक दर्शन
    • निजी/व्यक्तिगत दर्शन
    • मीडिया साक्षात्कार
    • निमंत्रण
    • सम्पर्क
    • दलाई लामा न्यास
  • किताबें
  • सीधे वेब प्रसारण