परम पावन 14 वें दलाई लामा
मेन्यू
खोज
सामाजिक
भाषा
  • दलाई लामा
  • कार्यक्रम
  • तस्वीरों में
  • वीडियो
हिंदी
परम पावन 14 वें दलाई लामा
  • ट्विटर
  • फ़ेसबुक
  • इंस्टाग्राम
  • यूट्यूब
सीधे वेब प्रसारण
  • होम
  • दलाई लामा
  • कार्यक्रम
  • समाचार
  • तस्वीरों में
  • वीडियो
  • अधिक
सन्देश
  • करुणा
  • विश्व शांति
  • पर्यावरण
  • धार्मिक सद्भाव
  • बौद्ध धर्म
  • सेवानिवृत्ति और पुनर्जन्
  • प्रतिलिपि एवं साक्षात्कार
प्रवचन
  • भारत में प्रवचनों में भाग लेने के लिए व्यावहारिक सलाह
  • चित्त शोधन
  • सत्य के शब्द
  • कालचक्र शिक्षण का परिचय
कार्यालय
  • सार्वजनिक दर्शन
  • निजी/व्यक्तिगत दर्शन
  • मीडिया साक्षात्कार
  • निमंत्रण
  • सम्पर्क
  • दलाई लामा न्यास
पुस्तकें
  • अवलोकितेश्वर ग्रंथमाला 7 - आनन्द की ओर
  • अवलोकितेश्वर ग्रंथ माला 6 - आचार्य शांतिदेव कृत बोधिचर्यावतार
  • आज़ाद शरणार्थी
  • जीवन जीने की कला
  • दैनिक जीवन में ध्यान - साधना का विकास
  • क्रोधोपचार
सभी पुस्तकें देखें
  • समाचार

तेरह देव वज्रभैरव अभिषेक १९/जनवरी/२०१८

शेयर

बोधगया, बिहार, भारत, बोधगया की साधारण रूप से भीड़ भाड़ युक्त सड़कें लगभग खाली थीं और प्रवचन स्थल क्रमशः भर रहा था जब आज प्रातः परम पावन दलाई लामा प्रवचन स्थल पर प्रातः ७ बजे के किंचित समय से पहले पहुँचे। उन्होंने शीघ्र पहुँचने वालों का अभिनन्दन किया तथा तेरह देव वज्रभैरव अभिषेक की तैयारी प्रारंभ करने हेतु मंडल मंडप के समक्ष बैठे। नमज्ञल विहार के दो भिक्षु अनुष्ठान हेतु पाठ करने में उनका साथ देने के लिए उनके साथ बैठे।

एक डेढ़ घंटे बाद उन्होंने सभा को बताया कि उन्हें किंचित ठंड लग गई है।

"मुझे धर्मशला छोड़े डेढ़ महीना हो गया है। मैं मुंबई, डेपुंग, गदेन और सेरा में सार्वजनिक व्याख्यान तथा प्रवचन देता आ रहा हूँ, जिसके कारण मुझे थकान का अनुभव हो रहा है। कल मैं एक लघु अंतराल ले रहा हूँ और परसों, चूँकि यह छोटा है, मैं एकल नायक वज्रभैरव अभिषेक दूँगा, पर मैं चक्रसंवर अभिषेक किसी अन्य समय दूँगा।

"यह मानव जीवन मुक्ति के मार्ग में संलग्न होने का सर्वोत्तम अवसर प्रदान करता है। भौतिक दृष्टिकोण से हम मृत्यु का सामना करते हैं और मानसिक रूप से हम अज्ञानता से अभिभूत होते हैं। यमंतक इन दोनों स्थितियों के विपरीत है। नागार्जुन ने कहा कि तीन विष क्रोध, मोह व अज्ञान सत्य को लेकर हमारी भ्रांति से उत्पन्न होते हैं। वस्तुएं हमें स्वतंत्र रूप से अस्तित्व ली हुईं प्रतीत होती हैं और हम इस विचार से चिपके रहते हैं। मात्र बुद्ध ने प्रतीत्य समुत्पाद के सत्य की शिक्षा दी। और उसी के आधार पर हम सत्वों पर केन्द्रित कर करुणा विकसित करते हैं और प्रबुद्धता पर केंद्रित कर प्रज्ञा का विकास करते हैं। कहा जा सकता है कि ये दो पंख हैं, जो एक बोधिसत्व को दूसरे किनारे पर जाने की अनुमति देता है।"

परम पावन ने टिप्पणी की कि बुद्ध की सामान्य शिक्षाएँ सार्वजनिक रूप से दी गई थीं, परन्तु तंत्र गुह्य रूप से दिया गया। इसका कारण यह नहीं था कि बुद्ध इन विशेष निर्देशों को साझा नहीं करना चाहते थे, परन्तु चूँकि उनका संबंध नाड़ियों ऊर्जा और बूंदों से है और इसलिए बिना किसी प्रशिक्षण के उनके साथ संलग्न होना खतरनाक हो सकता है।

कई वर्ष पूर्व विद्वान भारतीय प्रोफेसर एलएम जोशी ने परम पावन को बताया था कि भारत में बौद्ध धर्म का ह्रास होने का कारण यह था कि भिक्षु धनवान बन गए थे और जनता ने उन्हें अस्वीकार कर दिया और वे अपना विश्वास खो बैठे। दूसरा कारण तंत्र का दुरुपयोग था - अपने लिए एक साथी लेना विशुद्ध विनय के पालन से मेल नहीं खाता है। अंत में, राजाओं और अन्य स्थानीय शासकों ने क्रमशः अबौद्ध परम्पराओं के प्रति अपना समर्थन बढ़ा दिया। परम पावन ने सुझाया कि अतः गुह्य रूप में तंत्र का अभ्यास करना भी सही विवेकशीलता का विषय है।

फिर उन्होंने अभिषेक प्रदान करना प्रारंभ कर दिया जिसको उन्होंने अथक ऊर्जा से पूरा किया।

  • फ़ेसबुक
  • ट्विटर
  • इंस्टाग्राम
  • यूट्यूब
  • सभी सामग्री सर्वाधिकार © परम पावन दलाई लामा के कार्यालय

शेयर

  • फ़ेसबुक
  • ट्विटर
  • ईमेल
कॉपी

भाषा चुनें

  • चीनी
  • भोट भाषा
  • अंग्रेज़ी
  • जापानी
  • Italiano
  • Deutsch
  • मंगोलियायी
  • रूसी
  • Français
  • Tiếng Việt
  • स्पेनिश

सामाजिक चैनल

  • फ़ेसबुक
  • ट्विटर
  • इंस्टाग्राम
  • यूट्यूब

भाषा चुनें

  • चीनी
  • भोट भाषा
  • अंग्रेज़ी
  • जापानी
  • Deutsch
  • Italiano
  • मंगोलियायी
  • रूसी
  • Français
  • Tiếng Việt
  • स्पेनिश

वेब साइय खोजें

लोकप्रिय खोज

  • कार्यक्रम
  • जीवनी
  • पुरस्कार
  • होमपेज
  • दलाई लामा
    • संक्षिप्त जीवनी
      • परमपावन के जीवन की चार प्रमुख प्रतिबद्धताएं
      • एक संक्षिप्त जीवनी
      • जन्म से निर्वासन तक
      • अवकाश ग्रहण
        • परम पावन दलाई लामा का तिब्बती राष्ट्रीय क्रांति दिवस की ५२ वीं वर्षगांठ पर वक्तव्य
        • चौदहवीं सभा के सदस्यों के लिए
        • सेवानिवृत्ति टिप्पणी
      • पुनर्जन्म
      • नियमित दिनचर्या
      • प्रश्न और उत्तर
    • घटनाएँ एवं पुरस्कार
      • घटनाओं का कालक्रम
      • पुरस्कार एवं सम्मान २००० – वर्तमान तक
        • पुरस्कार एवं सम्मान १९५७ – १९९९
      • गणमान्य व्यक्तियों से भेंट २०११ से वर्तमान तक
        • गणमान्य व्यक्तियों से भेंट २००० – २००४
        • गणमान्य व्यक्तियों से भेंट १९९० – १९९९
        • गणमान्य व्यक्तियों से भेंट १९५४ – १९८९
  • कार्यक्रम
  • समाचार
    • 2025 पुरालेख
      • August
      • July
      • June
      • May
      • April
      • March
      • February
      • January
    • 2024 पुरालेख
      • December
      • November
      • October
      • September
      • August
      • July
      • June
      • May
      • April
      • March
      • February
      • January
    • 2023 पुरालेख
      • December
      • November
      • October
      • September
      • August
      • July
      • June
      • May
      • April
      • March
      • February
      • January
    • 2022 पुरालेख
      • December
      • November
      • October
      • September
      • August
      • July
      • June
      • May
      • April
      • March
      • February
      • January
    • 2021 पुरालेख
      • December
      • November
      • October
      • September
      • August
      • July
      • June
      • May
      • April
      • March
      • February
      • January
    • 2020 पुरालेख
      • December
      • November
      • October
      • September
      • August
      • July
      • June
      • May
      • April
      • March
      • February
      • January
    • 2019 पुरालेख
      • December
      • November
      • October
      • September
      • August
      • July
      • June
      • May
      • April
      • March
      • February
      • January
    • 2018 पुरालेख
      • December
      • November
      • October
      • September
      • August
      • July
      • June
      • May
      • April
      • March
      • February
      • January
    • 2017 पुरालेख
      • December
      • November
      • October
      • September
      • August
      • July
      • June
      • May
      • April
      • March
      • February
      • January
    • 2016 पुरालेख
      • December
      • November
      • October
      • September
      • August
      • July
      • June
      • May
      • April
      • March
      • February
      • January
    • 2015 पुरालेख
      • December
      • November
      • October
      • September
      • August
      • July
      • June
      • May
      • April
      • March
      • February
      • January
    • 2014 पुरालेख
      • December
      • November
      • October
      • September
      • August
      • July
      • June
      • May
      • April
      • March
      • February
      • January
    • 2013 पुरालेख
      • December
      • November
      • October
      • September
      • August
      • July
      • June
      • May
      • April
      • March
      • February
      • January
    • 2012 पुरालेख
      • December
      • November
      • October
      • September
      • August
      • July
      • June
      • May
      • April
      • March
      • February
      • January
    • 2011 पुरालेख
      • December
      • November
      • October
      • September
      • August
      • July
      • June
      • May
      • April
      • March
      • February
      • January
    • 2010 पुरालेख
      • December
      • November
      • October
      • September
      • August
      • July
      • June
      • May
      • April
      • March
      • February
      • January
    • 2009 पुरालेख
      • December
      • November
      • October
      • September
      • August
      • July
      • June
      • May
      • April
      • March
      • February
      • January
    • 2008 पुरालेख
      • December
      • November
      • October
      • September
      • August
      • July
      • June
      • May
      • April
      • March
      • February
      • January
    • 2007 पुरालेख
      • December
      • November
      • October
      • September
      • August
      • July
      • June
      • May
      • April
      • March
      • February
      • January
    • 2006 पुरालेख
      • December
      • November
      • October
      • September
      • August
      • July
      • June
      • May
      • April
      • March
      • February
      • January
    • 2005 पुरालेख
      • December
      • November
      • October
      • September
      • August
      • July
      • June
      • May
      • April
      • March
      • February
      • January
  • तस्वीरों में
  • वीडियो
  • सन्देश
  • प्रवचन
    • भारत में प्रवचनों में भाग लेने के लिए व्यावहारिक सलाह
    • चित्त शोधन
      • चित्त शोधन पद १
      • चित्त शोधन पद २
      • चित्त शोधन पद ३
      • चित्त शोधन पद : ४
      • चित्त् शोधन पद ५ और ६
      • चित्त शोधन पद : ७
      • चित्त शोधन: पद ८
      • प्रबुद्धता के लिए चित्तोत्पाद
    • सत्य के शब्द
    • कालचक्र शिक्षण का परिचय
  • कार्यालय
    • सार्वजनिक दर्शन
    • निजी/व्यक्तिगत दर्शन
    • मीडिया साक्षात्कार
    • निमंत्रण
    • सम्पर्क
    • दलाई लामा न्यास
  • किताबें
  • सीधे वेब प्रसारण