उन्होंने लिखा कि, “इतने वर्षों में बिहार, विशेषकर बोधगया की मेरी यात्राओं के दौरान आपने जो अपनी दोस्ती और शानदार मेहमाननवाज़ी की है, उसके लिए मैं आपका बहुत आभारी हूँ। “मैं ऐतिहासिक नालंदा परंपरा से निर्गत प्राचीन भारतीय विचारों के बारे में अधिक जागरूकता एवं दिलचस्पी बढ़ाने की मेरी कोशिशों में आपके लगातार सहयोग तथा हौसला बढ़ाने के लिए भी आपका शुक्रिया अदा करना चाहता हूँ। जैसा कि आप जानते हैं, भारत की करुणा की पुरानी सोच तथा उससे निकलने वाला व्यवहार — अहिंसा — बाकी विश्व के लिए एक प्रेरणा देने वाला उदाहरण है।
“इतने वर्षों में, बिहार ने जीवन के कई हिस्सों में काफ़ी विकास और बढ़ती खुशहाली देखी है।ऐसी कामयाबियाँ तब और भी मायने रखती हैं जब वे सच में गरीब एवं ज़रूरतमंद लोगों की ज़िंदगी को बेहतर बनाती हैं।
मैं प्रार्थना करता हूँ कि आप आगे आने वाली चुनौतियों का सामना करने एवं बिहार के लोगों की उम्मीदों और ज़रूरतों को पूरा करने में लगातार सफल होंगे।”










